यदि आप भारत के सर्वोच्च खेल सम्मान के बारे में पूछेंगे, तो आपका उत्तर Major Dhyan Chand Khel Ratna award होगा, जिसे पहले राजीव गांधी खेल रत्न पुरस्कार के नाम से जाना जाता था। 6 अगस्त 2021 को, इस पुरस्कार का नाम भारत के महान हॉकी खिलाड़ी मेजर ध्यानचंद के नाम पर रखा गया, वर्तमान में इसे मेजर ध्यानचंद खेल रत्न पुरस्कार कहा जाता हैं।
यह पुरस्कार वास्तव में क्या है, और इसके क्या मायने है? इस लेख में, हम इस प्रतिष्ठित पुरस्कार से जुड़े सभी महत्वपूर्ण पहलुओं पर बात करेंगे।
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Major Dhyan Chand Khel Ratna award का इतिहास
स्वतंत्रता के बाद, भारत ने उत्कृष्ट खिलाड़ियों को अर्जुन पुरस्कार से सम्मानित करना शुरू किया। लेकिन 1980 के दशक के अंत और 1990 के दशक की शुरुआत में, जब भारत का अंतरराष्ट्रीय खेलों में प्रदर्शन बढ़ा, तो यह देखा किया गया कि वैश्विक स्तर पर उत्कृष्ट उपलब्धियों के लिए अधिक प्रतिष्ठित पुरस्कार की आवश्यकता है। इसी आवश्यकता के तहत भारत सरकार ने 1991-92 में राजीव गांधी खेल रत्न पुरस्कार, अब मेजर ध्यानचंद खेल रत्न पुरस्कार की शुरुआत की।
मेजर ध्यानचंद खेल रत्न पुरस्कार क्या है?
मेजर ध्यानचंद खेल रत्न पुरस्कार, जिसे खेल रत्न पुरस्कार भी कहा जाता है,भारत का सर्वोच्च खेल सम्मान है। यह हर साल खिलाड़ियों को पिछले चार वर्षों में अपने खेल में उनके असाधारण और उत्कृष्ट प्रदर्शन के आधार पर दिया जाता हैं।
मेजर ध्यानचंद खेल रत्न पुरस्कार मुख्य रूप से अंतरराष्ट्रीय स्तर पर असाधारण उपलब्धियों पर केंद्रित होता है। यह पुरस्कार निम्नलिखित प्रमुख प्रतियोगिताओं में शामिल प्रदर्शन को मान्यता देता है:
- ओलंपिक खेल
- पैरालंपिक खेल
- राष्ट्रमंडल खेल
- एशियाई खेल
- विश्व चैंपियनशिप और अन्य अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताएं।
मेजर ध्यानचंद खेल रत्न पुरस्कार न केवल उत्कृष्ट खिलाड़ियों के कार्य को मान्यता देता है, बल्कि भविष्य के एथलीटों को प्रेरित कर, उन्हें अंतरराष्ट्रीय मंच पर बेहतरीन प्रदर्शन के लिए प्रेरित करता है।
पुरस्कार में समय-समय पर हुए प्रमुख बदलाव
1991-92 में शुरू होने के बाद से, इस पुरस्कार में तीन प्रमुख बदलाव हुए हैं:
- पहले यह पुरस्कार भारत के छठे प्रधानमंत्री राजीव गांधी के नाम पर था, जिसे 6 अगस्त 2021 को प्रसिद्ध भारतीय हॉकी खिलाड़ी मेजर ध्यानचंद के नाम पर रखा गया।
- शुरुआत में, इस पुरस्कार के लिए खिलाड़ियों के पिछले एक वर्ष के प्रदर्शन को ध्यान में रखा जाता था, लेकिन फरवरी 2015 में कपिल देव की अध्यक्षता वाली चयन समिति की सिफारिशों के बाद, पात्रता मापदंड को बदलकर पिछले चार वर्षों के प्रदर्शन के आधार पर किया गया।
- इस पुरस्कार में मिलने वाली नकद राशि, जो पहले ₹7.5 लाख थी, अब बढ़ाकर ₹25 लाख कर दी गई है।
अब आपके मन में सवाल आ सकता है कि पात्रता मापदंड, नामांकन प्रक्रिया, और चयन समिति कैसे काम करती है, चलिए इन पर भी बात करते हैं।
पात्रता मापदंड
अपने पिछले लेख में कवर किए साहित्य अकादमी पुरस्कार के विपरीत, मेजर ध्यानचंद खेल रत्न पुरस्कार के पात्रता मापदंड सरल हैं, इनमें शामिल हैं:
- खिलाड़ी का अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में असाधारण प्रदर्शन होना चाहिए।
- डोपिंग के दोषी पाए गए या जांच के तहत आने वाले खिलाड़ी इसके लिए पात्र नहीं हैं।
अब चलिए देखें कि इस पुरस्कार के लिए खिलाड़ियों का नामांकन कैसे किया जाता है।
मेजर ध्यानचंद खेल रत्न पुरस्कार के लिए नामांकन प्रक्रिया
प्रत्येक वर्ष जनवरी और फरवरी के दौरान विभिन्न खेल बोर्ड और प्राधिकरण से नामांकन आमंत्रित किए जाते हैं। इनमें शामिल हैं:
- राष्ट्रीय खेल संघ (National Sports Federation)
- भारतीय ओलंपिक संघ
- खेल प्रोत्साहन बोर्ड
- राज्य/केंद्र शासित प्रदेश सरकारें
- इसके अलावा, पूर्व खेल रत्न पुरस्कार प्राप्तकर्ता भी खिलाड़ियों को नामांकित कर सकते हैं।
- सरकार, यानी युवा मामलों और खेल मंत्रालय, को भी यह अधिकार है कि यदि किसी अन्य संस्था से नामांकन प्राप्त नहीं होता है, तो वे स्वयं खिलाड़ियों का नामांकन कर सकते हैं।
भारत में कई खेल, जैसे कि क्रिकेट, जिनके लिए युवा मामलों और खेल मंत्रालय द्वारा किसी राष्ट्रीय खेल महासंघ (NSF) को मान्यता नहीं दी गई है। ऐसे खेलों के लिए भारतीय खेल प्राधिकरण (SAI) को यह जिम्मेदारी दी गई है कि वे प्रत्येक खेल से संबंधित नियंत्रण बोर्ड से अधिकतम दो योग्य खिलाड़ियों का नामांकन प्राप्त करें। ये नामांकन भारतीय खेल प्राधिकरण के महानिदेशक द्वारा अप्रूव किए जाने के बाद ही मान्य माने जाएंगे।
यह जानना महत्वपूर्ण है कि किसी भी वर्ष के लिए, सरकार समेत सभी नामांकन करने वाले निकाय, प्रत्येक खेल से अधिकतम दो खिलाड़ियों का नामांकन कर सकते हैं। वहीं, पूर्व मेजर ध्यानचंद खेल रत्न पुरस्कार विजेता केवल एक खिलाड़ी का नामांकन कर सकते हैं, वह भी उसी खेल में जिसके लिए उन्हें यह पुरस्कार प्राप्त हुआ था।
प्रतिवर्ष नामांकन 30 अप्रैल या उस महीने के अंतिम कार्य दिवस तक स्वीकार किए जाते हैं।
मेजर ध्यानचंद खेल रत्न पुरस्कार की चयन प्रक्रिया
नामांकन निकायों से नामांकन प्राप्त होने के बाद, ये नामांकन भारतीय खेल प्राधिकरण को भेजे जाते हैं, जिसे चयन प्रक्रिया के अगले चरण में जाने से पहले नामांकित खिलाड़ियों की उपलब्धियों के बारे में दावों की जांच और सत्यापन के लिए एक महीने का समय दिया जाता है।
नामांकन की पुष्टि के बाद, प्रक्रिया युवा मामले और खेल मंत्रालय द्वारा गठित समिति, चयन समिति को भेजी जाती है, खेल विशेषज्ञ समेत कुल 12 सदस्यों की यह समिति, निर्धारित पुरुस्कार मानदंडों के आधार पर खिलाड़ियों के प्रदर्शन का आकलन करते हैं।
समिति द्वारा मूल्यांकन पूरा होने के बाद, अंतिम सिफारिशें युवा मामले और खेल मंत्रालय को अप्रूवल के लिए भेज दी जाती हैं, जिसके बाद औपचारिक रूप से पुरस्कार विजेता की घोषणा की जाती हैं।
मानक नियम के अनुसार, हर वर्ष एक खिलाड़ी को पुरस्कार दिया जाता है। हालांकि, चयन समिति विशेष मामलों में एक से अधिक खिलाड़ियों को पुरस्कृत करने की सिफारिश कर सकती है, बीते वर्षों के दौरान, यह देखा गया है कि इस पुरस्कार को 1993-94, 2002, 2009, 2012, और 2016-2021 में एक से अधिक खिलाड़ियों को दिया गया है।
मेजर ध्यानचंद खेल रत्न पुरस्कार विजेताओं को क्या मिलता है?
एक विजेता के रूप में, मेजर ध्यानचंद खेल रत्न पुरस्कार प्राप्तकर्ता एक पदक, एक प्रशस्ति पत्र और 25 लाख रुपए की नकद राशि से सम्मानित किए जाते हैं।
इन भौतिक पुरस्कारों के अलावा, यह पुरस्कार खिलाड़ियों की प्रतिबद्धता और भारतीय खेलों में योगदान का प्रमाण है।
इस पुरस्कार के कुछ सामान्य नियम:
- एक व्यक्ति को यह पुरस्कार दो बार नहीं दिया जा सकता।
- यदि आवश्यक हो, तो इसे मरणोपरांत भी दिया जा सकता है।
- यह पुरस्कार आमतौर पर राष्ट्रपति भवन में 29 अगस्त, राष्ट्रीय खेल दिवस, को भारत के राष्ट्रपति द्वारा प्रदान किया जाता है।
- यदि खिलाड़ी अनुशासनहीनता या डोपिंग के दोषी पाए जाते हैं, तो सरकार पुरस्कार वापस ले सकती है।
Summary
- मेजर ध्यानचंद खेल रत्न पुरस्कार भारत का सर्वोच्च खेल सम्मान है।
- यह पुरस्कार हर वर्ष उन खिलाड़ियों को दिया जाता है जिनका पिछले चार वर्षों में प्रदर्शन सबसे उत्कृष्ट एवं असाधारण रहा हो।
- इस पुरस्कार की शुरुआत 1991-92 में राजीव गांधी खेल रत्न पुरस्कार के रूप में हुई थी जिसके बाद 6 अगस्त 2021 को इसका नाम बदलकर महान हॉकी खिलाड़ी मेजर ध्यानचंद के नाम पर रखा गया।
- विश्वनाथन आनंद इस पुरस्कार के पहले प्राप्तकर्ता थे।
- अब तक इस प्रतिष्ठित पुरस्कार से 60 खिलाड़ियों को सम्मानित किया जा चुका है।
यह पुरस्कार न केवल खेल में असाधारण उपलब्धियों को मान्यता देता है, बल्कि यह भविष्य के खिलाड़ियों को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बेहतरीन प्रदर्शन के लिए प्रेरित भी करता है।
credit:
Major Dhyan Chand Khel Ratna award | official website |
Major Dhyan Chand Khel Ratna award | Wikipedia |